लीव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा जितेन्द्र शिवहरे (5) सुबह की पहली किरण के साथ ही टीना की नींद खुल गयी। धरम भी जाग चूका था। रात को हुये घटनाक्रम की परछाई दोनों के चेहरे पर साफ देखी जा सकती थी। धरम! मुझे लगता है हमें घरवालों को सबकुछ बता देना चाहिए। टीना ने धरम से कहा। नहीं टीना! इससे वे लोग घबरा जायेंगे। धरम बोला। फिर हम ये घर छोड़ देते है। टीना ने अगला रास्ता सुझाया। इससे क्या निवेदिता से हम बच जायेंगे। नहीं। वह हमें ढुंढ ही लेगी। धरम बोला। फिर तुम ही बताओ। हम इस चुड़ेल