गिरगिट

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मेट्रो स्टेशन पहुँचने पर गाना सुनने में तल्लीन अधेड़ उम्र के राकेश का ध्यान भंग किया ऑटो वाले ने, "सर जी, मेट्रो स्टेशन आ गया।" राकेश ने कुछ नहीं कहा। गुनगुनाते हुए जेब से पचास का नोट निकाला और ड्राइवर की तरफ बढ़ा दिया। तभी उसकी नजर नेहा पर पड़ी, जो उसके मोहल्ले में रहती थी। नेहा को देखते ही उसकी गुनगुनाहट बन्‍द हो गई। और उसकी जगह धीमे से निकलती सीटी ने ले ली। सीटी कोई ध्यान से सुनता, तो सिसकारी से कम नहीं थी। "कैसी हो नेहा?" आवाज में मिश्री घोलते हुए राकेश ने पूछा। पर मन से