अपना - अपना संघर्ष

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हथेली पर चीनी के दाने छन - छन करते.... कितने अच्छे लगते है न, लेकिन थोड़ी सी नमी आ जाए तो अपनी चिपचिपाहट छोड़ने में देरी भी नहीं करती।देव का जीवन भी ऐसा ही था।वो दूसरो की मदद करने के चक्कर में अपने जीवन में एक्सट्रा चिपचिपाहट ले ही आता।परिवार और रिश्तेदार वाले उसे समझाते और वो समझ भी जाता ,लेकिन कहते है ना जिसे समझाना आसान होता है वो नासमझ भी उतना ही होता है।इतने सालों में देव की हालत के बारे में सब अच्छे से समझ चुके थे।परिवार वाले गाहे - बगाहे अपनी जिम्मेवारी समझ उसे समझा देते।जीवन