मेट्रो प्लेटफॉर्म पर आकर रुकी। दरवाजे खुले, तो रामलाल ने अंदर पैर रखा। आज मेट्रो में ज्यादा भीड़ नहीं थी। रामलाल ने चारों ओर नजरें दौड़ाईं। सारी सीटें फुल थीं। इससे उन्हें क्या? वह धीरे-धीरे सीनियर सिटीजन के लिये रिज़र्व सीट की तरफ बढ़ गए। वहां पहुंचते ही वह ठिठक गए। दोनो सीटों पर महिलाएं बैठी थीं। उनकी उम्र ज्यादा नही थी। पर वे अकेली नहीं थीं। उनकी गोद में बच्चे थे।कुछ सोचकर रामलाल आगे बढ़े और एक महिला से बोले, "यह सीट बुजुर्गों के लिये है। प्लीज उठ जाइये।"महिला ने सिर उठाकर रामलाल की ओर देखा, जैसे उसकी समझ