बड़े और छोटे लोगों की पार्टियां

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बड़े और छोटे लोगों की पार्टियां आर० के० लाल “अरे सुनती हो! आज बड़े साहब शर्माजी के यहां उनकी बेटी की बर्थडे पार्टी है। हम लोगों को भी जाना है। तुम तैयारी कर लो, बड़े साहब ने अपने ऑफिस के सभी लिपिकों में से केवल मुझे ही निमंत्रण दिया है जो मेरे लिए बड़े गौरव की बात है। उन्होंने विशेष रुप से कहा है कि सपरिवार आइएगा। उनकी नजरें इनायत बनी रहे इसलिए हम लोगों का चलना नितांत आवश्यक है । शाम को ठीक सात बजे हम लोग यहां से चलेंगे और उनके यहाँ डिनर करके वापस आएंगे।