रात के 11 बज रहे थे , नंदिता अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी से लौट रही थी ,कई ऑटो वालों को हाथ दिया मगर किसी ने भी मंगलम विहार की तरफ जाने के लिए हां नही की । कम से कम 3 किलोमीटर का पैदल रास्ता था तो उसने पैदल ही जाने की सोची ,घर से मां का फोन आया तो कह दिया कि 15 मिनट में पहुंच जाउंगी । कुछ दूर चलने पर रास्ते जैसे सुनसान होने लगे , क्योंकि उसका घर शहर से थोड़ा आउटसाइड ही पड़ता था । नंदिता सोच कर ही घबरा रही थी