यात्रा

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बात बहुत पुरानी नहीं है , बाते कभी पुरानी नहीं होती ही नहीं ।जब भी उन बातो को याद किया जाता है वो नई होती रहती है। बहोत खुशी और शांती थी आज विराट के पास ,घर से दूर पढ़ने जा रहा था ।"बस भी हुए ये शोर ,रोज सुबह से ये बड़े आवाज वाला रेडिओ लगा देते है पिताजी ,और तुम भी मां इतनी जोर से से भी कोई आरती गाता है? "..ये सब आज का नहीं है रोज इस तरह की बातें होती ही रहती थी विराट के साथ । वो विराट जिसके एक मध्यम वर्गीय पिता और