दह--शत [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] एपीसोड --24 “तुम अठ्ठाइस साल पुरानी हो गयी हो तुम इन बातों को क्या समझो? मुझमें सच ही कुछ है।” अभय उनकी भाषा व संकेत सुनकर उसकी चीख निकल जाती है, “अभय ! तुम एक गंदी रंडी के चक्कर में पड़कर अपने होश खो बैठे हो।" फिर समिधा सहमकर अपनी जीभ काट लेती है वह कैसा शब्द इस्तेमाल कर बैठी है। “क्या ऽ ऽ....? जलती हो उससे ? ।” “उस सड़ी-गली औरत से मैं जलूँगी?” “जलती तो हो।” “अभय ! तुम कैसी बहकी बातें करते रहते हो? तुम्हें क्यों स्वयं समझ में नहीं आता?” वे