सहेलियों से घिरी हुई अवनी दुल्हन के लाल जोड़े में बेहद खूबसूरत लग रही है।उसकी सखियाँ हँसी ठिठोली कर रही हैं। "देखो अवनी के हाथों में मेंहदी कितनी गहरी लगी है जीजू बहुत प्यार करेंगे अवनी को "तभी दूसरी कहती है "करेंगे ही हमारी अवनी इतनी प्यारी जो है"।तभी उसकी माँशुभ्रा कमरे में आती है अवनी की तरफ देखकर "कितनी प्यारी लग रही है मेरी लाडो किसी की नजर न लगे " और एक छोटा सा काला टीका अवनी की ठोढ़ी पर लगा देती है।इतने में अवनी के पिता समीर शुभ्रा को आवाज देते हैं"शुभ्रा कहाँ हो तुम "शायद उन्हें