बात न करो जात की - 3

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ठाकुर राम सिंह हाथ मुंह धोकर खाना पर बैठे थे कि, लखन बुलाने आया!ठाकुर साहब और ठाकुर साहब हारते हुए दरवाजे के बाहर आवाज लगाता है, (तभी रवि ठाकुर राम सिंह की मंझिला बेटा) क्या हुआ लखन भैया काहे इतना हाफ रहे हो?अरे क्या बताएं रवि बाबू गांव में आफताब और शंकर के बीच झगड़ा हो गया हैं इसलिए मालिक को आवाज लगा रहे हैं ,ठाकुर ठाकुर साहब है क्या?रवि-आप बाहर रुकिए अभी बावजी को बुलाता हूं!लखन- बहुत मेहरवानी होगी,रवि- बाबुजी खाना हो जाए तो बाहर लाखन आपका इंतजार कर रहा है,ठाकुर - झिक हैं आता हुं,(कुछ मिनट बाद राम