पंचकन्या - भाग - 2

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#पंचकन्या_भाग_2........... #मानसब्रह्मा जी ने श्रृष्टि की सुन्दरतम रचनाओं से तत्व लेकर (अहल्या) अहिल्या के अंगों में उनका समावेश करके एक युवती की रचना की जिससे एक अनुपम सुंदरी कन्या का निर्माण हुआ जिसे पोषण के लिए उन्होंने ऋषि गौतम को दे दिया। उसके युवती होने पर गौतम ऋषि निर्विकार भाव से उसे लेकर ब्रह्मा जी के पास पहुंचे। ब्रम्हा जी से ही अहिल्या को वरदान मिला था कि वो सदैव सोलह वर्ष की युवती की तरह ही रहेगी। जब ब्रह्मा जी ने गौतम ऋषि से अहिल्या को भार्या के रूप में स्वीकार करने के लिये कहा तो गौतम ऋषि बोले-“हे