चक्रव्यूह.

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चक्रव्यूह बाहर मूसलाधार बारिश होने लगी थी, इसी के साथ ही रोड़ लाइट्स बंद हो गईं थीं। वह काफी समय से एयरपोर्ट रोड़ पर कार में बैठी छोटी बहन को फ़ोन लगा रही थी लेकिन उसका फ़ोन स्विच ऑफ आ रहा था। इसका मतलब अभी तक उसकी फ्लाइट नहीं पहुंची थी। फ्लाइट सही समय पर होती तो साढ़े सात बजे तक पहुँच जाती। उसका अंदाज़ा था कि बहन को बाहर आते-आते आठ तो आराम से बज ही जायेंगे। यही सोचकर वह ऑफिस की मीटिंग से फ्री होते ही ठीक आठ बजे एयरपोर्ट के बाहर पहुँच गई थी। अमूमन सर्दियों में