परफेक्शन

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"परफेक्शन"रोहन ऑफिस चले गए थे रोली सोच रही थी कि चाय बना कर आराम से पीने की लेकिन मधुर की आ$आआ की आवाज सुनाई दी ।चाय का विचार छोड़ आठ वर्षीय मधुर को सुबह की दिनचर्या से निवृत करवाना जरूरी था उसका काम कर उसे बेड पर तकिए के सहारे से बैठा दिया था और अब रोली दलिया बना कर ले आई जिसे धीरे-धीरे चम्मच के सहारे उसके उसे खिलाने लगी । पास पड़े रुमाल से उसका मुँह पोंछा और गाल पर प्यार से थपकी मारी ,जवाब में मधुर भी धीरे से मुस्कुरा उठा ,"अब तुम आराम करो ,मम्मी आती है