वेंटिलेटर

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‘का हम इतने बुरे बेटे हैं... आखिर हम इतना बुरा कैसे सोच सकते हैं, वो भी अपने बाबू जी के बारे में ?... एक-एक पैसा जोड़कर आप हमें पढ़ा-लिखा रहे थे, लेकिन हमने एक ही झटके में...! अम्मा का सोचती होगी हमारे बारे में ?... हम ऐसा कैसे कह सकते हैं... हमने तो ये भी नहीं सोचा कि आप के बिना हमारा का होगा… ! विश्वास नहीं होता कि ये बात सच है... आप की पल्स रेट बढ़ गयी है, आँखें थोड़ी थोड़ी खुलने लगी हैं... शरीर की सूजन कम होने लगी है ।... एक उम्मीद-सी जाग गयी है