गेम-चेन्जर घर में भूचाल दो बार आया था, पहली बार सन् १९६५ की मई में, जब गोविन्द भाई घर से लापता हुए और दूसरी बार सन् १९६९ की जून में, जब पापाजी ने माँ के संग मकान बेचने की बात छेड़ी। सन् १९६५ वाले भूचाल के समय मैं कुल जमा आठ साल का था और उसके बारे में केवल इतना ही बता सकता हूँ कि उसके बाद माँ की जीवन-चर्या ने एक पलटा खाया था। उनका रूप बिगड़ गया था, मिजाज बिगड़ गया था, दिमाग बिगड़ गया था, और उनका अधिकांश समय अब गृह-संचालन के स्थान पर मकान के पिछवाड़े