आंख-मिचौनी पाँच मंज़िली उस इमारत की तीसरी मंज़िल पर स्थित पुस्तकालय की ओर से कपड़े की एक बड़ी ध्वजा उसी दिन, सतरह मार्च को, आयोजित एक गोष्ठी की सूचना वहीँ प्रांगण के प्रवेश द्वार पर दे रही थी। सूचना के अन्तर्गत बड़े अक्षरों में एक घोषणा थी- पुस्तकों की मांग, हमें हरी जिल्द दो तथा उस घोषणा के नीचे छोटे अक्षरों में उस मांग का तत्त्व कारण दिया गया था, पेड़ ही हमारे पुस्तक उद्योग के कागज़ तथा मुद्रण के साधन हैं तथा उन के योगदान की प्रशस्ति-स्वरुप हमें अपनी पुस्तकों को हरी जिल्द देनी चाहिए। विषय मुझे मनोरंजक लगा