शुभ कहाँ से शुरू है ये कहानी? कह नहीं सकती! क्योंकि मेरे लिए तो तुमसे लगन और बिछुड़न जैसे जन्मजन्मांतर की बात थी। या तब से कहूँ जब तुम शहर से गाँव में आये थे तब? जैसे वो फिलिम में काम करते हैं न! अच्छी बुशर्ट और पेंट पहनते हैं न, बिल्कुल वैसे ही थे तुम! रूमाल से बार-बार मुँह पौंछते और हवा चलने पर बाल बिगड़ जाएं तो जेब से कंघी निकाल के संवार लेते। उस समय मैं तुम्हारे खेत पर बैलों को चारापानी दे रही थी। जब पास आकर पूछा 'जे कौन की बिन्नू है?' तो शम्भू काका