बेटे की लाश

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"बाबूजी घर मे बेटे की लाश पड़ी है।मेरे पास उसके क्रिया कर्म के लिए भी पैसे नही है।"वह एक नंबर का आलसी और कामचोर था।अपनी इस आदत के कारण वह कंही भी नही टिक पाता था।जंहा भी काम पर लगता,कामचोरी की आदत की वजह से जल्दी ही हटा दिया जााता। एक समय ऐसा आया जब उसे शहर मेंं काम मिलना ही बंद हो गया। परिवार के भरण पो पोोषण.के लिए उसे रििक्शा चलाना पडा। दिन भर रििक्शा खीचकर, जो कुछ वह कमाता।उससे परिवार की गाड़ी जैसे तैैसे खिचती।एक दिन वह शहर के मुख्य चौराहे से गुजर रहा था।एक जगह भीड़