ईश्वरत्व का अहंकार - 5 - अंतिम भाग

  • 7.1k
  • 1
  • 2k

ईश्वरत्व का अहंकार भाग-5 अलेक को अपने नवीन दायित्व के लिये पर्याप्त अनुभव नहीं था यद्यपि वह साम, दाम, दण्ड और भेद सभी कलाओं में निपुण था। उसे किसी विश्वसनीय सहायक की आवश्यकता थी और सोफ़िया ने अपने अनुभव एवं निपुणता से इस कमी की पूर्ति कर दी। अलेक शीघ्र ही न केवल अपनी व्यापक शक्तियों एवं सीमाओं को समझने लगा वरन् उन शक्तियों का उपयोग क्वाट्रोची कम्पनी पर अपना वर्चस्व स्थापित करने हेतु करने लगा। सर्वप्रथम उसने बडी़ चतुराई से कम्पनी के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर स्थापित कर्मियों के अवगुणों के विषय में क्वाटो्रची के कान भरने शुरू किये।