ईश्वरत्व का अहंकार - 4

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ईश्वरत्व का अहंकार भाग-4 फिर कुछ दिनों तक हैमिल्टन को एक आरामदेह निवास में अकेले छोड़ दिया गया। एक दिन पुनः अलेक के कमरे में विशेष स्पीकर से क्वाट्रोची का स्वर गूंजा, “अलेक! हैमिल्टन के सफल अपहरण से मैं तुम्हें बधाई देता हूं। मैं देख रहा था कि तुम इस बीच मनोविश्लेषण विषय का ध्यानपर्वूक अध्ययन करते रहे हो। दूसरे के मन की बात जानने और उसके विचारों को अपने मन के अनुसार मोड़ देने का अभ्यास तुम प्रशिक्षण के समय से ही करते रहे हो। इसलिये आज तुम्हें एक महत्वपूर्ण कार्य सौंपा जा रहा है। तुम्हे हैमिल्टन के निवास