पिंजरा महानगर की यह एक छोटी सी कालोनी है । कालोनी में किसी किचन में एक के ऊपर एक रखे डिब्बों जैसे फ़्लैट । फ़्लैट क्या छोटा सा पिंजरे नुमा आकार जिसमें 10* 12 का कमरा जिसके एक कोने में 4*4 की रसोई और दूसरे कोने में इसी आकार का बाथरूम ।इसी डिब्बे की बालकनी ऐसी है मानो पिजरे के सींखचे हो । उसी बालकनी में खड़ी है सुरभि जो सड़क पर आती जाती कारों ,ऑटो रिक्शा की रेलपेल देख रही है और हैरान है । उसे बचपन में पढ़ी कहानी याद आती है जहाँ आसमान गिर रहा है