दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 4

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(समय सुबह के 9:00 बजे वीर चाय बना रहा है, तभी किसी के आने की आहट होती है, तभी वीर बाहर आता है और देखता है कि लक्ष्मी आई हुई है लक्ष्मी को देख कर) वीर:- अरे लक्ष्मी तुम, क्या बात है? सुबह-सुबह और वह भी अकेले, कोई साथ में नहीं आया क्या बात है, सब ठीक-ठाक तो हैं, कोई प्रॉब्लम तो नहीं है| लक्ष्मी:- क्यों क्या एक बहन अपने भाई से मिलने नहीं आ सकती? कोई प्रॉब्लम होगी तभी आऊंगी मैं, मन हुआ मिलने का तो चली आई| वीर:- अरे नहीं, कैसी बात कर रही हो, आओ बैठो में