पछतावा - (लघु कहानी)

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पछतावा (लघु कथा) मनोज कुमार शुक्ल " मनोज " किचन के हर बर्तनों की अपनी एक प्रकृति होती है और उनका कठोर व नाजुक स्वभाव होता है। जैसे लोहे की कड़ाहीे, तवा, स्टील की गंजियाँ, थाली, चम्मचें, कटोरियाँ आदि का स्वभाव सदा कठोर होता है। पर इसके विपरीत क्राकरी और काँच का अपना नाजुक स्वभाव एवं प्रकृति होती है। इसीलिए तो किचिन में इनको अलग से शो केश में रखा जाता है, बड़े प्यार और सम्हाल कर। काँच के शो रूम में बैठी क्राकरी, रोज स्टील के बर्तनों की धुलाई के समय मन ही