मैं हूँ ना बसंत ने कालिंदी की आंखों में झांकते हुए बेहद भाव विह्वल स्वरों में उससे कहा, ‘‘कालिंदी, मैं तुम्हें अपनी पत्नी बनाना चाहता हूं, तुमसे विवाह करना चाहता हूं। वायदा करता हूं, कभी तुम्हारी इन आंखों में आंसू नहीं आने दूंगा, तुम्हारे सूने जीवन को बेइंतिहा खुशियों से भर दूंगा। बोलो, अप्पू की मां बनोगी?,’’ बसंत का यह विवाह प्रस्ताव सुनकर कालिंदी की कुछ समझ में न आया कि वह उससे क्या कहे? फिर क्षणभर में तनिक सोच कर उसने उससे कहा, ‘‘बसंत थोड़ा रुक जाओ, मैं तुम्हें ना नहीं कह रही, लेकिन मुझे थोड़ा समय दो अपनी