वसीयत

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रेखा घर के कामों में व्यस्त थी । तभी बाहर बड़ी तेजी से कोलाहल उठा । लगता आज फिर किसी के यहां कुछ झगड़ा हो रहा है । कॉलोनी के आखिर में कुछ मजदूरो के परिवार रहते थे । पुरुष लोग बाहर मजदूरी करते थे और घर की महिलाएं कॉलोनी में लोगों के घर में झाड़ू, पोछा ,बर्तन साफ -सफाई का काम करती थी । मजदूरोँ ने वहीं झोपड़ी डालकर अपना ठिकाना बना लिया था । वहाँ शाम को आए दिन कुछ ना कुछ लड़ाई - झगड़ा होता रहता था । रेखा ने सोचा वही कुछ