संध्या

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संध्या कुछ दिनों के लिए अपनी भाभी के मायके आई थी। यूँ तो पारिवारिक रिश्तों की वजह से आरव उसे पहचानता था, लेकिन कभी मिला नहीं था। किसी कार्यक्रम में संध्या को उसने पहली बार देखा था, और तब से ही वो उसे पसंद करने लगा था। लेकिन कभी कह नहीं सका।संध्या पीले रंग के सलवार सूट में खड़ी थी, वो संध्या को निहार रहा था। संध्या के लंबे बाल उड़ते हुए आपस में उलझ रहे थे, और उनमें उलझ रहा था वो। की तभी अचानक उसकी तन्द्रा टूटी, जब उसने संध्या की शादी की चर्चा सुनी। संध्या की भाभी