दास्तान-ए-अश्क - 26

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मेरे सभी प्यारे दोस्तों.. अश्क' काफी लेट हुई है! उसके लिए क्षमा चाहता हूं कुछ तो मजबूरियां रही है मेरी जानता हूं कि आप सब मुझे समझेंगे! इस कहानी को जितना प्यार आप लोगों ने दिया है तो मैं भी अपना फर्ज समझता हूं कि कहानी को अपने आखरी मुकाम तक पहुंचाउ..! मुझे यकीन है आप लोग इस कहानी की नायिका के साथ आखरी मुकाम तक जुड़े रहेंगे...! फिर से आप सब का बहुत बहुत शुक्रिया..! दास्तान-ए-अश्क -26 ------------------------- उस बड़ी कोठी का कलंक थी वह दर्द भरी आहे..! एक एक कोने से उठ रही किसी के