असली आज़ादी वाली आज़ादी (भाग-3)

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भाग-2 से आगे की कहानी- (इस भाग में लिखी बातें किसी धर्म या समुदाय विशेष को ऊंचा या नीचा दिखाने के लिए नहीं बल्कि समाज में फैली बुराइयों के पीछे का दर्द समझाना है। मैं अपने पाठकों से वादा करता हूँ कि कहानी का अंत शानदार ही होगा) बेटे की अर्थी का बोझ सारी जिंदगी अब नन्नू के कंधों पर रहने वाला था। नन्नू सारा क्रिया कर्म करके अपने घर आ गया पर चूल्हा जलाने की हिम्मत किसी मे न हुई। अब तो घर में आये हुए कुछ मेहमान अपने घर वापिस जा चुके थे और कुछ ही लोग घर