फंदा

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फंदा ​एक ओर पति की अचानक मृत्यु के मानसिक आघात से बदहवास थी शकुन्तला। तो दूसरी ओर मृत आनन्द के घर वाले अवसाद मुक्त हो शकुन्तला पर कुलक्षिणी, डायन ना जाने क्या-क्या आरोप मढ़कर जबरन नैहर पहुँचा गये।​अपने माँ-बाप के घर आकर पछाड़ खाकर रोती शकुन्तला बार-बार बेहोश हो जा रही थी। उसकी इस हालत को देख घर की बुजुर्ग महिलाएं और बहनें हमेशा घेरे रहती उसे। आनन्द की मौत का चैथा दिन बीत गया था। परन्तु शकुन्तला पानी की एक बूंद भी नहीं ली मुंह में। होश आने पर आनन्द,