घर के सारे आदमी सो रहे थे मैं चुपके से नीचे उतरी, द्वार खोला और घर से निकली जैसे कोई प्राणी गरमी से व्याकुल हो कर घर से निकले और किसी खुली जगह की तरफ दौड़े उस मकान में मेरा दम घुट रहा था...