डायन

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समाज की दकियानूसी रूढ़िवादी सोच पर प्रहार किया गया है कैसे एक लड़की डायन होने का अभिशाप झेलती है उसका जीवन आधुनिक मानव समाज और सभ्यता के लिए आज भी प्रश्नचिन्ह क्यूँ बना हुआ है