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naina singh

naina singh

@niuu
(122)

झूठा ही सही मगर खूबसूरत था
जो ख़्वाब है आज, कल हकीकत था
याद है हमें तुमने ही कहा था
कभी नहीं छोड़ोगे हाथ मेरा, ज़िन्दगी भर दोगे साथ मेरा
झूठा ही सही मगर खूबसूरत तो था सब
जाने से पहले बता देते ये तो ज़रा की इंतज़ार करें भी या नहीं
खैर अब जो इंतज़ार करना ही है तो यही सही
भूल नहीं पाते हैं तुम्हें, शायद भूलना चाहते भी नहीं
क्योंकि
झूठा ही सही मगर खूबसूरत तो था सब
अपने किए पर तो तुम्हें ज़रा रंज नहीं, माफ़ी तक नहीं माँगी तुमने कभी
और हम सोचते रहे होगी हमारी ही गलती कहीं
तल्ख़ कर दी हमारी ज़िंदगी तुमने
पर
अब भी जो आना चाहो वापस,
कर ही देंगे हम माफ़ तुम्हें
क्योंकि.....
झूठा ही सही मगर खूबसूरत तो था सब...

_नैना

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वो बंद पलकों से बातें कर रही थी बारिश से
और वो भीग रहा था उसकी खामोशी में....

मर्द बड़ी प्यारी चीज़ है
चुप रहता है, मगर दिल में तूफान दबाये रखता है,
हर दर्द को, हँसी में छुपाए रखता है।

न शिकवा करता, न करता है वो शोर,
हर रिश्ते की खातिर देता है जोर।

कंधों पे बोझ भी हो, तो झुकता नहीं,
घर हो या बाहर, कभी रुकता नहीं।

पलकों में सपने, सीने में आग,
कमज़ोरियाँ भी हों, फिर भी रहता है जाग।

न रोता खुलकर, न माँगता सहारा,
फिर भी यही बनता है सबका किनारा।

हर हार में भी ढूंढे उम्मीद की रौशनी,
मर्द है — मगर उसमें भी होती है थोड़ी नमी।

ना तो पत्थर है, ना तो भगवान
है वो भी इंसान, बस थोड़ा थका, थोड़ा परेशान।

तो जब कहो "मर्द को दर्द नहीं होता",
थोड़ा पास बैठो — देखो कैसे है ये झूठ टूटता।

क्योंकि मर्द भी रोता है, पर कह नहीं पाता,
उसके भी कुछ सपने हैं, जिनको शायद जी नहीं पाता।
मर्द बड़ी प्यारी चीज़ है,

अगर समझो — तो एक किताब सा
जिसका हर पन्ना नया, सच्चा और थोड़ा खास सा।
_नैना

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चाहूँ तुम्हें ख़ाब है मेरा
पर डरती भी हूँ मैं
कहीं टूट ना जाये ये
तुम तो मेरे हो भी नहीं
फिर भी
डरती हूँ मैं
तुम्हें खोने से
सोचती तो हूँ कि
जी लूँगी सिर्फ इस ख़ाब के सहारे
फिर भी
तरसती हूँ मैं
तुम्हारी बस एक झलक पाने को।
सोचती तो हूँ कि जब आओगे सामने
भर लूँगी तुम्हें अपनी बाहों में
जाने नहीं दूंगी खुद से दूर कहीं
पर
आते हो जब सामने तुम
भूल जाती हूँ सब
खो देती हूँ खुद को, तुममें
फिर चाह ही नहीं रह जाती
खुद को दोबारा पाने की
चाहती तो हूँ कि
सो जाऊँ मौत की नींद
ताकि
कभी ना टूटे ये ख़ाब मेरा
एक तुम, एक मैं
और बस
ये ख़ाब मेरा...

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