Quotes by Muskan Bohra in Bitesapp read free

Muskan Bohra

Muskan Bohra

@muskanbohra.650058
(36)

✍️❤️

Sometimes we should distance ourselves from some relationships so that we can get to know those people.

कभी-कभी मन चीखकर कहना चाहता है,
उन सबसे जो मुझे इस हालत तक ले आए,
जिन्होंने मुझे समझना ज़रूरी न समझा,
मेरी भावनाओं को कभी क़ीमत न दी।
क्या मेरा दर्द किसी को नहीं दिखा?
क्या मेरा दिल पत्थर है?
क्या मुझे फ़र्क महसूस नहीं होना चाहिए?
आख़िर मैं भी इंसान ही तो हूँ।
कब तक मैं रोती रहूँ,
कब तक खुद को जलाती रहूँ,
और दबे मन से ये सोचती रहूँ —
क्यों भगवान ने मुझे ये सज़ा दी?
कौन सी गलती थी मेरी?
मैंने सबकी परवाह की,
पर किसी ने मेरी नहीं की,
अपनो ने भी नहीं…
अब दिल तक सा गया है,
लोगों से बात करने का मन नहीं होता,
बस खामोशी में बैठी सोचती हूँ।
कभी-कभी लगता है,
अगर मैं सबके सामने फूट पड़ूँ,
तो शायद मेरे सालों का ग़ुस्सा,
मेरी सालों की ख़ामोशी,
एक तूफ़ान बनकर निकल पड़े। #shayari #myquotes #thoughts ##DeepThoughts

Read More

✍️