The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
https://www.matrubharti.com/book/19982596/sone-ka-pinjra-5 Release सोने का पिंजरा पार्ट 5
https://www.matrubharti.com/book/19982774/secrets-of-the-night
https://www.matrubharti.com/book/19982594/sone-ka-pinjra-3
Released सोने का पिंजरा पार्ट 3. Please read now.. And like support rating my novel.. Than you 🙏🏻 जैसे ही परछाई उनके पास आई, पिंजरे की रोशनी अचानक फीकी पड गई. चारों ने महसूस किया कि अब उन्हें केवल अपनी हिम्मत और समझदारी से ही इस रहस्यमयी शक्ति का सामना करना है. कबीर ने धीमे स्वर में कहा, जो भी यह परछाई है, वह केवल दौलत का प्रतीक नहीं. यह वही राज है जो अमीरजादों को भिखारी और भिखारियों को राजा बनाता है. अलविना ने मुस्कुराते हुए कहा, तो तैयार हो जाओ, क्योंकि अगले मोड पर सब कुछ उजागर होगा. और जो तैयार नहीं होगा, वह हमेशा के लिए खो जाएगा। क्या जेरेफ अपने डर का सामना कर पाएगा, या पिंजरे की रहस्यमयी शक्ति उसे निगल जाएगी? आर्यन अपनी ताकत और जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाएगा या खो जाएगा? सैरिन का दिल किसके लिए झुकेगा—जेरेफ या आर्यन? पिंजरे के अंदर की परछाई आखिर कौन है, और इसका असली मकसद क्या है? अलविना की साजिश का असली राज क्या है, और क्या चारों इसे उजागर कर पाएंगे? जानने के लिए पढ़िए सोने का पिंजरा पार्ट 3 Link 🔗https://www.matrubharti.com/book/19982594/sone-ka-pinjra-3
"A Black Mirror Of Death", को मातृभारती पर पढ़ें :, https://www.matrubharti.com भारतीय भाषाओमें अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और सुनें, बिलकुल निःशुल्क!
https://www.instagram.com/reel/DP9O--0D2Xr/?igsh=b2VqMzZ6MHN5d3Nq Like share comment and follow plz.. Thank you so much 💕
💔 ग़ज़ल: तेरा ख़याल... ✨ – by Amreen Khan तेरा ख़याल जब आया, बहार लगने लगी, उदास रूह में जैसे बहार बसने लगी। तेरी नज़र की चमक अब भी रौशनी बनके, मेरे ख़याल की हर शाम सजने लगी। कभी जो तेरी हँसी छू के मुझको गुज़री थी, वो ख़ुशबुएँ मेरी सांसों में रहने लगी। तेरे बिना भी कोई कमी नहीं थी मगर, तेरी कमी से ही दुनिया सँवरने लगी। हर एक धड़कन में तेरा ही नाम सुनाई दे, तेरा ख़याल भी अब इबादत बनने लगी। मैं अपने अश्क़ छुपाऊँ कहाँ, बता मुझको, तेरी जुदाई भी अब शायरी बनने लगी। वो चाँद रातों में तेरी सूरत उभरती है, ये आँख तुझसे मिलने को तरसने लगी। तेरा ख़याल, तेरा नाम, तेरी यादें सब, मेरे वजूद में जैसे उतरने लगी। ✨✨✨✨✨✨🍀💫💕
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser