Quotes by AKANKSHA SRIVASTAVA in Bitesapp read free

AKANKSHA SRIVASTAVA

AKANKSHA SRIVASTAVA Matrubharti Verified

@akankshasrivastava3617
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364 दिन मैं करूँ लड़ाई,
पति जी बस मोबाइल दबाएँ,
सोफे पर पसरें महाराज बनकर,
और मुझे ही गुस्से में ताने सुनाएँ।

1 दिन मैं करूँ तीज,
सजूँ-धजूँ, मेहँदी रचाऊँ,
पति देव आएँ मुस्कुराते हुए —
"वाह! नई दुल्हन लग रही हो" सुनाऊँ।

रहे उम्र तेरी लंबी,
ताकि रोज़-रोज़ आदेश दूँ सुने,
“चाय बना दो, बटन टाँक दो,
मेरी क़मीज़ प्रेस कर दो” गुनगुनाएँ।

तभी तो जीए ज़िंदगी,
वरना घर में सन्नाटा छा जाए,
क्योंकि पति देव बिना ताने के,
जैसे क्रिकेट बिना टेस्ट मैच रह जाए।

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छोटी छोटी बातों पर
कसमे खाने वाली वो
और हर कसम को पूरा
करने वाला मैं
आज भी यही सोचता हूँ
कि अगर
उसके कसम तोड़ देता
तों क्या उसे कुछ होता?
या यू ही कसम के बहाने
जिद्द पूरी कर दी खुदा नें!

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जिद्द लोगो से नहीं
जिंदगी से करें
अपना पन किसी ओर से नहीं
खुद से करें
भरोसा, प्यार, विश्वास, लगाव
जिंदगी से करें
ना जाने कब बिछड़ जाए!

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अर्ज़ किया है,

ग़ज़ब का तूने रुलाया ऐ ज़िंदगी,
मलाल तनिक भी ना है।

उसने हँसकर कहा—
मैं ज़िंदगी हूँ पगली,
रुलाया नहीं, सबक सिखाया है।

अभी तो तमाम स्टेप से
तुझे तोड़ कर जोड़ा है मैंने,
हर चोट में छुपा
तेरा ही नया चेहरा गढ़ा है मैंने।

मत समझ कि तू हार गई,
मत सोच कि तू थक गई—
ये आँसू ही तो हैं
जो तुझमें हिम्मत बनकर ढल गए।

मैं तुझे गिराती भी हूँ,
मैं तुझे उठाती भी हूँ,
तोड़कर ही निखारती हूँ,
तुझें खामोशी में सिखाती भी हूँ।

याद रख…
मैं रुलाती हूँ, मगर साथ ही
तेरी रगों में उम्मीद भी भर जाती हूँ।

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प्रेम में विरह ना हों
तो प्रेम अधूरा है!

मुस्कुराती आँखों में चमक है प्यार की,
छोटी हथेलियों में दुनिया का सार है।
एक संगिनी, एक परछाई,
जैसे धड़कन के साथ दिल की तार है।

टूटू खींचती दुपट्टा हौले से,
जैसे कह रही हो — "मैं भी तुम्हारी तरह बनूँगी।"
और मैंँ हँसकर देखती है उसे,
मानो कह रही हो — "तू मेरी सबसे खूबसूरत धुन होगी।"

घास पर बिखरी है हँसी,
हवा में घुला है अपनापन,
इस रिश्ते का हर रंग,
दुनिया की सबसे अनमोल दास्तान है।

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चलो एक कदम आगे बढ़ाए
डर कर नही डट कर आगे आएं
किसी को रक्तदान कर के जीवन बचाएं
चलो एक कदम आगे बढ़ाए!
पथ पर पड़े चौटहिल मुसाफिर की
वीडियो नही जान बचाएं
चलो एक कदम आगे बढ़ाएं!
हर रोज हर पल होती मौतों के मंजर को रोक पाए
ए-दोस्त किसी को रक्तदान कर
उसके परिवार की खुशी
उसकी जान बचाए
चलो एक कदम आगे बढ़ाए!
ना रुके सिलसिला-रक्तदान का
ना झुके सिलसिला-रक्तदान का
कदम से कदम मिलाए
हम सब आगे आए
चलो एक कदम आगे बढ़ाएं!

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क्या तुम नही जानते जिस्म की मंडी में हा रंडी हूं मैं!
#International Sex Workers Day

चलो एक बार फिर माँ को याद कर लिया करते है#मदर्स डे

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