🌙 तेरी खामोशियाँ 🌙
तेरी खामोशियाँ भी कुछ कहती हैं,
बस सुनने वाला चाहिए...
हर लफ़्ज़ के बिना बोले,
तेरी रूह की आवाज़ आती है।
कभी लगता है तू पास है,
पर बोलता कुछ नहीं...
तेरी चुप्पी में भी इतना असर है,
कि मेरी सांस तक सिमट जाती है।
तेरी खामोशियाँ अजीब हैं,
कभी सुकून बन जाती हैं,
कभी सवाल छोड़ जाती हैं।
कभी इनसे दिल भर जाता है,
कभी इनसे आँखें भीग जाती हैं।
कहते हैं खामोशी कुछ नहीं कहती,
पर तेरी खामोशी ने तो
मेरे दिल की दुनिया ही बदल दी।
तेरे चुप रहने में भी
एक सच्चाई छिपी है —
जैसे तू हर दर्द बिना बोले सह गया हो।
तेरी खामोशियाँ जब चलती हैं,
तो हवा भी रुक जाती है,
लम्हे भी झुक जाते हैं।
कभी वो सवाल करती हैं,
कभी वो जवाब बन जाती हैं।
तेरे बिना ये रातें लंबी लगती हैं,
तेरे बिना ये बातें अधूरी लगती हैं।
तेरी खामोशियाँ अब मेरी आदत बन गई हैं,
हर पल बस तुझे सुनने की चाहत बन गई हैं।
कभी तेरी आँखों में बोलती हैं,
कभी तेरे होंठों पर ठहरती हैं,
कभी तेरे जाने के बाद भी
ये मेरे कमरे में गूंजती हैं।
तेरी खामोशियाँ अब मेरा आईना हैं,
मैं उनमें खुद को ढूँढता हूँ।
तू कुछ न भी कहे,
फिर भी मैं तेरा हर मतलब समझता हूँ।
तेरी खामोशियाँ अब मेरे शब्द बन गई हैं,
तेरे रुक जाने से मेरी धड़कन बन गई हैं।
कभी तू मुस्कुरा दे तो रौशनी हो जाती है,
पर जब तू चुप हो जाती है —
तो पूरी दुनिया अंधेरी लगती है।
तेरी खामोशियाँ अब मेरा सुकून हैं,
तेरी खामोशियाँ ही मेरा जुनून हैं।
तू कुछ न भी कहे,
फिर भी सब कुछ कह जाती है...
क्योंकि अब मुझे तेरी खामोशियों में भी
तेरा इकरार सुनाई देता है।
💫