मैं एक पुस्तक लिख रहा हूँ— **"आत्मा की खोज: तीसरी आँख से परे"**। यह मेरे आध्यात्मिक सफर की यात्रा है, जहाँ मैं उन गूढ़ ग्रंथों से प्राप्त ज्ञान को एक रोचक कहानी के रूप में प्रस्तुत करूंगा, जिन्होंने मेरी सोच को नया आयाम दिया। **"रहस्य," "अवचेतन मन की शक्ति," "सन्यासी जिसने अपनी संपत्ति बेच दी," "ध्यान के चमत्कार"** जैसी पुस्तकों से सीखे गए सिद्धांतों को मैंने अपने अनुभवों से जोड़कर समझने का प्रयास किया है।
इसके साथ ही, मैं **विपासना में सीखी गई प्राचीन ध्यान पद्धति** को सरल भाषा में प्रस्तुत करूंगा, ताकि ध्यान के वास्तविक चमत्कार को महसूस किया जा सके और इसे अपने जीवन में सहज रूप से अपनाया जा सके।
अब, मैं आपके सुझाव चाहता हूँ—
**क्या इस पुस्तक को अध्याय-दर-अध्याय अपलोड किया जाए या पूरी पुस्तक एक साथ प्रकाशित करूं?**
आपकी राय मेरे लिए मूल्यवान होगी। 🙏