है ये मिट्टी दिया फिर भी
कर दे उज्वल सारा जहां
आया रोशन दिवाली त्यौहार
सब के दिल को करने पुलकित
हुआ जग सारा जग मग
जग मग
किया गुलशन नील गगन
बने हम अपने दीपक
झांके हम खुद को खुद के आईने में
कही मलीनता दूसरों ढूंढते
खुद की बढ़ तो नहीं गई
स्पंदित हुए दिल सबके
अंकुरित हुआ स्नेह उजास
सारे सितारे चमक रहे है
खुशिया जैसे दमक रही है
अपनत्व की बरखा बरसे
मुस्कान जैसे जश्न मनाए
आओ मिलकर गले लगाए
नूतन वर्ष को स्नेह से भर दे
चमकते हुए सितारों से
जग हुआ गुलशन गुलशन
Shree....Ripal Vyas