लगाव ही पीड़ा है
किसी ने मुझसे पूछाः जिससे प्रेम हो, उससे नफरत कैसे हो सकती है?
मैंने कहा: लगाव से।
उसने पूछा: कैसे?
मैंने कहा: लगाव प्रेम के बाद होने वाली प्रमुख भावना है। लगाव के कारण ही उस शख्स को पूरी तरह जानने की इच्छा होती है। फिर इस प्रक्रिया के दौरान उस शख्स की कमियाँ और खामियाँ पता चलती हैं, फिर धीरे-धीरे वह शख्स बुरा लगने लगता है और आखिरकार एक दिन जन्म होता है नफरत का।
याद रखो, नफरत उसी से होगी जिससे लगाव हो, लेकिन इस दौरान समर्पित होकर उसे पूरी तरह स्वीकारना ही प्रेम है।