जख्म बगैर दिखे,,,
रुह को जख्मी कर जाता है ,,,,
,जो बगैर किसी निशान के,,,,,,दिल पर वार कर,,,,,,
सीधा रुह पर उतर जाता है ,,,,,
दिल को दर्द दे ,,,,,,आंखों में आंसू ले ,,,,,
,,सीधे सारे अरमान को,,,,जला जाता है
अरे कभी-कभी शरीर के जख्म तो ,,,,सहे जा सकते हैं ,,,
,या उन पर मरहम लगा,,,,भरे जा सकते हैं,,,,,
लेकिन दिल के जख्म मुस्कुराहट से भी ,,,,,,,नहीं भारते,,
दिल फटने को और आखे रोने को आ जाती है,,,,
जब कोई अपना साथ छोड़ जाता है ,,,
जब कोई दिल छछ्नी कर,,,,रूह को जख्मी कर जाता है
आसमान से बादल बन,,,,,आंखों में आंसू ले आता है
दिल को छनी कर,,,,चार टुकड़ों में,,,टू कर बिखर जाता है,
जब हमारे दिल का जख्म हमारी रूह में उतर जाता है,,,,
ना कुछ सुनाई देता है,,,,,,ना कुछ दिखाई देता है ,,,,,,
यह कुछ इस तरह ,,हमारे दिल पर असर कर जाता है,,
छोड़ देने को दिल करता है इस दुनिया को ,,,,,जब यह जख्म हमारे रोम-रोम में बस जाता है ,,,,,
दिमाग को बंद कर हमारी खुशियों को खा जाता है,,,,,
इस कदर सीने में दर्द बन,,,,,,, हमारी जिनदगी पर वार कर जाता है,,,