हालाकि ही ...... कई यादें
तुम कर चुकी हो हत्या ...... बन जायेगी विशेषज्ञ गवाह
अपनी भावनाओं की ......... और
मान चुकी हो मृत ........ तुम्हारे रूह के दरवाज़े पर
मेरे प्रति तुम्हारे प्रेम को ... छूटे मेरी उंगलियों के निशान भ
विसर्जित कर चुकी हो ..... भी देंगे गवाही मेरे होने की
अश्तिया प्रेम की .…....... मत धोखा दो खुद को
आसू गंगा में ............ पकड़ी जाओगी तुम....
किन्तु फिर भी यदि ।।।।।। lotus....!!!!!
तुम्हारे अंतर्मन की
फोरेशी जांच की जाए
तो कहीं तुम्हे
होंगे स्वीकार्य सबूत..!!!