किसी विशेष परिस्थिति दृश्य अथवा व्यवहार से शब्दों का निर्माण होता है वह जब कागज पर कलम से उकेर दिये जाते हैं तो विचार बन जाते हैं। उन्हें पढ़ने वाला स्वंय से उसका मिलान करता है और जब उसका कुछ अंश अथवा भाग समानावस्था को प्राप्त हो तो वह उसे कुछ लोग अपनी अभिव्यक्ति, कुछ प्रेरणा और कुछ लोग आलोचना मान लेते हैं । मगर वास्तव में वह एक परिस्थिति, व्यक्ति ,और व्यवहार के लिए ही होती है।।
-Ruchi Dixit