“महाभीनीशक्रमण “
सुनो तथागत!
माँ सोयी थी, मैंने तुमको जाते देखा।
मुझे याद है जाते जाते
वे सारे आभरण निहारे,
बिछुए और महावर वाले
तुमने माँ के चरण निहारे,
घना अँधेरा था पर मैंने
तात! तुम्हें मुस्काते देखा।
मैंने देखा,तुम्हें ज्ञात था
मैं जागा था,तुम आये थे,
मेरे भूरे बाल हाथ से
तुमने फिर फिर सहलाये थे,
कंपन करते हाथ निहारे,
और किवाड़ लगाते देखा ।
🥵 🙏🏻