🌹मेरे सजन🌹
तुम जो आए मेरे जीवन में,
तुमसे लागी ऐसी लगन।
कोई और अब सूझता नहीं,
ये कैसी लगी है अगन।।
इतनी बेकरारी देखकर,
लोगों को होने लगी है जलन।
अपनी सुध बुध हम खोकर,
अपने आपमें रहने लगे मगन।।
अब दूरी सही नहीं जाती,
लेने आ जाओ मेरे सजन।
कब तक इंतजार कराओगे,
कब तक करें मनाने का जतन।।
चलो अब तो मान भी जाओ,
क्यों दिखाते हो इतना टशन।
हाथ मलते फिर रह जाओगे,
जो हमनें शुरू कर दिए भजन।।
किरन झा (मिश्री)
-किरन झा मिश्री