प्रात: सूर्य उदय के पूर्व,
हम सब गंगा स्नान करें।
एक लोटे में शुद्ध जल लेकर,
सूर्य भगवान का ध्यान करें।।
मकर संक्रांति के इस पर्व को,
हर्सोउल्लास से हम मनाएं।
लड्डू,खिचड़ी को बनाकर,
भगवान जी को भोग लगाएं।।
तिल, गुड़,गजक,खिचड़ी का,
आज के दिन हम दान करें।
चौदह वस्तुओं को निकालकर,
दूसरों को हम प्रदान करें।।
आज के दिन पतंगबाजी का,
खेल निराला होता है।
रंग बिरंगी पतंगों से गगन का,
देखने लायक नजारा होता है।।
खेलों खाओ सब मौज करो,
एक दूसरे को गले लगाओ।
दिल के गिले शिकवे छोड़कर,
इस त्यौहार का लुफ्त उठाओ।।
किरन झा मिश्री
-किरन झा मिश्री