“कदम कदम पर आशा
अपना रूप अनुपम दिखाती है,
बड़े काज बनाती है,
धीरज के गीत सुनाती है
इसका सुर मिश्री से मीठा,
इसकी तार सजीली बाबा
दुःख की नदिया
जीवन नैया
आशा के पतवार लगे
ओ नैया के खेलनेवाले
नैया तेरी पार लागे,
पार बसत है देश सुनहरा
किस्मत छैल छबीली बाबा,
दुनिया रंग रंगीली”
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