करवाचौथ के शुभ अवसर पर मुझे कुछ कहना है..!!
जैसे फूलों में खुशबू है वैसे मुझको भी तुझमें रहना है..!!
मैं व्रत निर्जला रखती रहुं..तेरी उम्र बढ़ाने को..
सौ सौ जन्म निछावर करूं साथ तेरा पाने को..
मेरा जीवन तो तुझसे है...तुझको मेरा रहना है..
जैसे तुम मुझमें रहते हो मुझको भी तुझमें रहना है..!!
तुम मेरा हर पल सजाते हो मैं निखर जाती हूँ..
तुम जिस पल हंसते हो मैं उस पल जी जाती हूँ..
मेरे हर पल तुमसे ही है..इतना मुझको कहना हैं..
जैसे तुम मुझमें रहते हो मुझको भी तुझमें रहना है..!!
जैसा तुमने सोचा होगा तुमसे वैसा प्यार करूं..
श्रृंगार करूं तेरे नाम का खुशियों से संसार भरूं..
मेरा श्रृंगार तो तुमसे है..मुझको तुमसे कहना है..
जैसे तुम मुझमें रहते हो मुझको भी तुझमें रहना है..!!
करवाचौथ पर बोलो साजन क्या उपहार दोगे..
सोने चांदी को छोड़ो तुम मुझे बांहों का हार दोगे..
कंचन की चमक तो तुम हो मुझको तुमसे कहना है..
जैसे तुम मुझ में रहते हो मुझको भी तुझ में रहना है..!!
करवाचौथ के शुभ अवसर पर मुझे कुछ कहना है..!!
जैसे फूलों में खुशबू है वैसे मुझको भी तुझमें रहना है..!!
कंचन सावी....❤️❤️