करवा चौथ व्रत
होकर मीलों दूर भी जैसे रहते सदा सलामत
आशीष मिले हे चंद्र देव जिन्दा रहे मोहब्बत
जैसे आपकी शीतल छाया हर मन को है भाए
कुछ ऐसा कर दो हे मयंक साजन मेरा हो जाए
करक चतुर्थी व्रत हूँ करती ध्यान आपका कर के
चमके माथे पर बिंदिया और सिंदूर मांग में दमके
चूड़ी कंगन मेहन्दी चंदन सदा सुहागन रखना
सफल मनोरथ व्रत हो ईश्वर मेरे छत पर दिखना
पहले अर्पण जल हो तुमको भोग तुम्ही को लगाऊँ
रहे सलोना मेरा साजन हर जनम यही वर पाऊँ
तुम्हे देख हर्षित होता मन और तन चेतन है भरता
बल, यश, उमर बढ़े पिया का दिल यही प्रार्थना करता
करूँ सुहागन व्रत का पालन कृपा करो प्रभु हम पर
ज्योति प्रकाशित अमर हो प्रतिमा नमन करूँ पर्मेश्वर
ज्योति प्रकाश राय