जिंदगी का मजा
इक्कीस साल की उम्र में शादी हो रही थी। हम उम्र दोस्त ने कहा यदि अब तुम विवाह करवा लोगे तो तुम अपनी जिंदगी का मजा नहीं ले पाओगे। मैंने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया।
आज पन्द्रह वर्षों बाद उस दोस्त से मुलाकात बेटे के स्कूल में होती है। मैं अपने बेटे के पीटीएम के बाद बाहर निकल रहा था और वह भी अपने बेटे के साथ था। उसकी बात मेरे ध्यान में आ गई, मेरी शादी के समय उसने कहा था तुम जिंदगी का मजा नहीं ले पाओगे। उसका उत्तर मैं उसे आज देने के पूरा मूड में था। मैंने कहा, दोस्त तुम चालीस वर्ष की उम्र में अपने पांच साल के बेटे को गोद में उठाए हुए हो और मैं इसी उम्र में अपने सोलह वर्ष के बेटे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा हूं। अब बताओ जिंदगी का मजा किसने लिया। उससे कुछ कहा नहीं गया। गोद में लिए बेटे और कंधे पर लटके बैग को संभालने लगा। फिर मिलते हैं कहते हुए चला गया।
-हेतराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ