मेरी यादों से पर्दा।।
फिर किसी से राब्ता कीजिए गा!!
हो कर खुद से बेगाना।।
फ़िर ना उसकी इल्तजा कीजिए गा!!
सब गुनहगार है।।
किस-किस की शिकायत कीजिए गा !!
ऊपर उठ कर बहानो से।।
फिर वक़्त का सजदा कीजिए गा!!
मुक्कदर नही ये।।
फिर खुदा का एतबार कीजिए गा!!
अपनी तकरीर से।।
एक दिन जमाना बेकरार कीजिये गा!!
~उर्वशी घोष "उर्वी"
-anokha aunsuna